जयपुर. दिग्गज कांग्रेस नेता और दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे शिवचरण माथुर के नाम अपने कार्यकाल में लोकसभा की सभी 25 सीटें जीतने और सभी सीटें हारने का रिकॉर्ड है। भीलवाड़ा नगरपालिका अध्यक्ष पद से अपना राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले माथुर भीलवाड़ा के जिला प्रमुख, सांसद और राजस्थान सरकार में कई बार मंत्री रहे। हालांकि, उनका जन्म मध्यप्रदेश के गुना जिले के नाडीकानूगो गांव में हुआ था। लेकिन उनकी शिक्षा और कार्यक्षेत्र राजस्थान ही रहा।
बोफोर्स घोटाले के बाद वीपी सिंह ने भाजपा के साथ मिलकर सभी सीटें छीनीं :
माथुर 14 जुलाई, 1981 को पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने और 23 फरवरी, 1985 तक इस पद पर रहे। इस कार्यकाल के दौरान ही 1984 में लोकसभा के चुनाव हुए। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से उपजी सहानुभूति लहर ने राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को देश भर में ऐतिहासिक जीत दिलाई। राजस्थान में कांग्रेस ने क्लीन स्वीप करते हुए सभी 25 लोकसभा सीटें जीतीं। तब राजस्थान में ऐसा पहली बार हुआ, जब सभी 25 सीटें एक पार्टी के खाते में गई हों।
मुख्यमंत्री पद से हरिदेव जोशी की विदाई के बाद माथुर 20 जनवरी, 1988 को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। उनके इस कार्यकाल के दौरान नवंबर 1989 के अंत में लोकसभा चुनाव हुए। बोफोर्स सौदे में घोटाले के विरोध में वीपी सिंह राजीव सरकार से बाहर आ गए थे। चुनाव में उनके नेतृत्व में बने मोर्चे ने भाजपा के साथ मिलकर कांग्रेस को चुनौती दे रखी थी।
इस चुनाव में पिछले चुनावों के बिल्कुल उलट कांग्रेस सभी 25 सीटों पर चुनाव हार गई। भाजपा 13 और जनता दल 11 सीटों पर जीती जबकि बीकानेर सीट पर माकपा के श्योपत सिंह विजयी रहे। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की इस दुर्दशा पर माथुर ने 4 दिसंबर, 1989 को अपना इस्तीफा दे दिया।
राजस्थान में अब तक…दो बार ही सभी सीटें जीती गईं